रविवार, 27 मार्च 2016

पशे आईना कुछ और है ... तुफ़ैल चतुर्वेदी

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पर आतंकी हमला दो दिन से चर्चा में है। ज़ाहिर है ये हमला कुछ सरफिरे लोगों ने किया है. जिन्हें मुसलमान इसलिये बिलकुल भी नहीं माना जाना चाहिए चूँकि उन्होंने इस्लाम की ग़लत व्याख्या की है और जान दे कर जान लेने पर उतारू हो गए हैं। देवबंदी, वहाबी, बरेलवी विद्वानों के साथ ही अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा जिनका पूरा नाम बराक हुसैन ओबामा है के अनुसार ये नासमझ लोग हैं। इस्लाम की मनमानी व्याख्या करते हैं। इन्हें इस्लाम की सही जानकारी नहीं है। मेरे मुंह में ख़ाक, साहब जी , मैं आपकी बातें मान लेता मगर जान देना तो बहुत बड़ी बात है। कोई पागल पागलपन में अपनी जान दे तो अधिकतम उसका निजी जीवन, उसके आश्रितों का जीवन, उसके मित्रों-सम्बन्धियों का जीवन आहत होता है। ये लोग पागलपन में अपनी जान नहीं दे रहे, ये अपनी जान दे कर अपने से पचासों गुना लोगों की जानें ले रहे हैं। ये तो अपना जीवन होम कर हज़ारों गुना अधिक लोगों में आतंक फैला रहे हैं। फिर भी ज़िद है कि उन्हें क़ुरआन के इन आदेशों की जानकारी नहीं है।
ओ मुसलमानों तुम गैर मुसलमानों से लड़ो. तुममें उन्हें सख्ती मिलनी चाहिये { 9-123 }
और तुम उनको जहां पाओ कत्ल करो { 2-191 }
काफिरों से तब तक लड़ते रहो जब तक दीन पूरे का पूरा अल्लाह के लिये न हो जाये { 8-39 }
ऐ नबी ! काफिरों के साथ जिहाद करो और उन पर सख्ती करो. उनका ठिकाना जहन्नुम है { 9-73 और 66-9 }
अल्लाह ने काफिरों के रहने के लिये नर्क की आग तय कर रखी है { 9-68 }
उनसे लड़ो जो न अल्लाह पर ईमान लाते हैं, न आखिरत पर; जो उसे हराम नहीं जानते जिसे अल्लाह ने अपने नबी के द्वारा हराम ठहराया है. उनसे तब तक जंग करो जब तक कि वे जलील हो कर जजिया न देने लगें { 9-29 }
तुम मनुष्य जाति में सबसे अच्छे समुदाय हो, और तुम्हें सबको सही राह पर लाने और गलत को रोकने के काम पर नियुक्त किया गया है { 3-110 }
जो कोई अल्लाह के साथ किसी को शरीक करेगा, उसके लिये ने जन्नत हराम कर दी है. उसका ठिकाना जहन्नुम है { 5-72 }
मुझे लोगों के खिलाफ तब तक लड़ते रहने का आदेश मिला है, जब तक ये गवाही न दें कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा काबिले-इबादत नहीं है और मुहम्मद अल्लाह का रसूल है और जब तक वे नमाज न अपनायें और जकात न अदा करें [ सहीह मुस्लिम, हदीस संख्या 33 }
मैं मान लेता हूँ कि उन्होंने क़ुरआन, हदीस, क़ुरआन की सच्ची व्याख्याएं नहीं पढ़ी होंगी। ऐसी ही बातें अभी तीन दिन पहले दिल्ली में हुए सूफ़ी सम्मेलन में गरजने-बरसने वाले आलिमों ख़ासकर पाकिस्तान के ताहिर उल क़ादिरी ने भी कीं। लेकिन क्या किया जाये कि इसी ताहिर उल क़ादिरी के यू ट्यूब पर वीडिओ उपलब्ध हैं जिसमें ये हदीसें पढ़-पढ़ कर सुना रहा है और ग़ज़वा-ए-हिन्द { भारत पर भविष्य में होने वाले इस्लामी हमले } के बारे में विस्तृत विवरण दे रहा है। जिसमें इसके अनुसार एक फ़ौज सिंध { इसके अनुसार ही वर्तमान पाकिस्तान } तथा हिन्द पर चढ़ाई करेगी और दूसरी चीन पर चढ़ाई करेगी। हदीस ज़ाहिर है इस्लाम के पैग़ंबर मुहम्मद जी का कहा-किया-बताया-सुनाया गया जीवन है। मुसलमानों के अनुसार ये अक्षरशः सत्य है और इसके सच न होने की कोई सम्भावना नहीं है यानी सिंध { इसके अनुसार वर्तमान पाकिस्तान } तथा हिन्द पर मुसलमानों का लश्कर चढ़ाई करेगा ही करेगा।
मेरे मन को इसकी बातों से आशा की किरण बल्कि सूर्य का प्रकाश दिखाई दे रहा है। साहब जी, सिंध तो पाकिस्तान का हिस्सा है यानी दारुल-इस्लाम है। मोमिनों की ममलकत है। उस पर मुसलमानों के लश्कर की चढ़ाई का क्या मतलब ? साहब जी इसका एक ही मतलब है भारत अखण्ड होगा। पाकिस्तान वापस भारत में मिल जायेगा। अटक से कटक तक फिर से भगवा ध्वज लहराएगा। इसी स्थिति में मुसलमानों के लश्कर की सिंध और हिन्द पर चढ़ाई का औचित्य है। अतः भारत को इस्लाम के पैग़ंबर मुहम्मद जी की भविष्वाणी पूरी करने के लिये प्राणप्रण से पाकिस्तान के टुकड़े करने में लग जाना चाहिये। पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान, पख़्तूनख़्वा, बाल्टिस्तान जैसे अनेकों टुकड़े कीजिये। एक-एक हिस्सा वापस झपटिये। सारे मुसलमानों को वापस राष्ट्रीय धारा में लाइये। उनकी शुद्धि कीजिये। इसके बाद देखेंगे कि किसकी मां ने सवा सेर सौंठ खा कर औलादें पैदा की हैं ? सबसे पहले इनसे निबटेंगे और फिर वृहत्तर भारत की शुद्धि करेंगे। इसकी भविष्यवाणी महर्षि अरविन्द पूज्य स्वतंत्र वीर सावरकर, रमण महर्षि जैसे अनेकों महापुरुषों ने की हैं। सारे विश्व को आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक कीजिये और अहर्निश इस काम में लग जाइये। भारत और पाकिस्तान के मुसलमानों को भी पाकिस्तान के टुकड़े कर उसको भारत में मिलाने के काम में लगना चाहिए आख़िर ये मुहम्मद जी कहा हुआ है
साभार- तुफ़ैल चतुर्वेदी जी की वाल  से https://www.facebook.com/tufail.chaturvedi?fref=ts