रॉड घुसाकर बोला था, ‘साली मर,’ ...उसे बच्चा कहते हो'
दिल्ली गैंग रेप विक्टिम की मां बलिया में अपने घर के छोटे से कमरे में गुमसुम हैं। बेटी से हैवानियत के सदमे से वह अभी भी नहीं निकल पाई हैं। उनके पति और बेटे तेरहवीं में लगे हुए हैं। हॉस्पिटल में पुलिस को जब अपना बयान दे रही थीं, तो वह उसके पास ही मौजूद थीं। बेटी की बातें उनके दिमाग में अभी भी घूम रही हैं। अपनी बेटी के गैंग रेप के एक आरोपी को नाबालिग बताने पर उनका गुस्सा फूट पड़ता है।
वह कहती हैं, 'जिस लड़के ने मेरी बेटी को लोहे की रॉड से पीटा, उसे हर कोई नाबालिग कह रहा है। जब मेरी बेटी ने विरोध किया था तो उसने 'साली मर!' चीखते हुए उसके शरीर में रॉड घुसा दी थी और रॉड के साथ आंतें भी बाहर निकाल ली थीं। इस पर भी कानून उसे नाबालिग कह रहा है।'
इस मामले में लड़की की मां ने पहली बार खुलकर कुछ कहा है। वह चाहती हैं कि पूरी दुनिया इस भयानक वारदात के बारे में जाने। उनकी बेटी की यही ख्वाहिश थी। अपनी बेटी की बातें उनके कानों में गूंजती रहती हैं।
वह बताती हैं, 'नर्सरी से ही वह बहुत तेज थी। वह हमेशा अपनी क्लॉस में टॉप करती थी। हमने उसके लिए बड़े-बड़े सपने देखे थे। कुछ लाख रुपए मेरी बेटी की भरपाई नहीं कर सकते। उन लोगों ने उसे मार डाला। अब केवल उनकी सजा से ही हमें शांति मिलेगी। उन्होंने मेरी बेटी के साथ जो किया, उसके लिए उन्हें मौत की सजा मिलनी चाहिए।'
शनिवार सुबह जब तेरहवीं से संबंधित रस्में शुरू हुईं और लड़की के कपड़ों से भरा बैग खोला गया, तो परिवार एक बार फिर बिलख पड़ा। छोटे भाई ने लड़की के बालों का एक गुच्छा संभाल कर रखा है। बड़े भाई को फिर याद आ गया कि वेंटिलेटर पर भी उनकी बहन ने पूछा था कि वह अपनी कोचिंग क्लास ठीक से कर रहे हैं या नहीं। लड़की के कज़न ने बताया कि उस वक्त उन्होंने झूठ बोलते हुए बताया था कि उन्होंने केवल एक क्लास छोड़ी है, जबकि वह लड़की के साथ हर रोज हॉस्पिटल में ही थे।
लड़की के छोटे भाई ने बताया, 'हमने देखा कि उन्होंने क्या किया। दीदी ने ममी को बताया था कि नाबालिग कहे जाने वाले लड़के ने क्या-क्या किया। हम चाहते हैं कि आप यह सब जानें और लिखें क्योंकि उस क्रूरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती।'
शनिवार, 12 जनवरी 2013
उसे बच्चा कहते हो
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