शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

ये कैसा खेल है ?

भारत का 43% तेल खुद भारत में निकलता है तो डीजल के दामो में 10/- रुपये की बढोत्तरी का प्रस्ताव क्यों?
आज 11 जनवरी को एक डालर की कीमत 54 रुपये 74 पैसे है और कच्चा तेल 93.15 डालर प्रति बैरल है इसका मतलब कच्चा तेल (54.74 x 93.15)/159 = 32.06 रुपये प्रतिलीटर है.
डीजल पेट्रोल का रिफाइनिंग खर्चा भारत में 5.80 प्रति लीटर है, तेल की ढुलाई
का कुल खर्चा 3.00 रुपये लीटर है. पेट्रोल टंकी मालिक का कमीशन करीब 2.00
रुपये पेट्रोल पर और 1.60 डीजल पर है यानी डीजल का कुल खर्चा ही 32.06 + 5.80+3.00 + 1.60 = 42.46 रुपये लीटर है.
डीजल पहले ही 51.56 प्रतिलीटर बिक रहा है और इसमे 10.00 बढ़ाने की जरुरत क्यों है, यह पैसा किसकी जेब में जा रहा है. हर चीज का दाम बढाकर कांग्रेस जनता को क्या सन्देश देना चाहती है. यह न भूलिए की भारत अपने आवश्यकता का ४०% से भी ज्यादा तेल खुद अपने कुओ से निकलता है जो खरीदना नहीं पडता है, जमीन में फ्री मिलता है.
मुझे आज तक इस इन लुटेरे कांग्रेसियों की गणित समझ नहीं आयी, कांग्रेस सरकार झूठ और मिडिया के दुष्प्रचार व् गलत सूचना के सहारे चल रही है जिसमे मुर्ख सेकुलरों का भी योगदान है.
हर तरह से फेल इस कांग्रेस का २०१४ में विनाश निश्चित है.

 

फेसबुक से साभार !!

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