सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

भगवान शंकर या पैगंबर ??

भगवान ‪#‎शंकर‬ को मुसलमानों का पहला ‪#‎पैगंबर‬ बताने वाले 'जमीयत उलेमा' के मुफ्ती 'मोहम्मद इलियास' ने हम हिंदुओं के साथ वही पुराना कुटिल चाल का सहारा लिया, जो वे यहूदी, बौद्ध और इसाइयों के साथ कर चुके हैं ।
भगवान शिव कोई पैगंबर नहीं साक्षात परमपिता परमेश्वर हैं, हर धर्म मे उनही को सर्वोच्च ईश्वर का स्थान दिया गया है । कुछ तथ्य देखिये और जानिये इस्लाम मे जिस ‪#‎अल्लाह‬की पुजा की जाती है, वो कोई और नहीं "भगवान शिव" ही हैं। जिसे मानने से इस्लाम आजतक इंकार करता रहा है ।
पहले बात करते हैं :- अरब की प्राचीन ‪#‎वैदिक‬ संस्कृति की :-
लगभग 1400 साल पहले अरब में ‪#‎इस्लाम‬ का प्रादुर्भाव हुआ, इससे पहले अरब के निवासी अपने पिछले 4000 साल के इतिहास को भूल चुके हैं, और इस्लाम में इस काल को "जिहालिया" कहा गया है । जिसका अर्थ है, 'अन्धकार का युग' । परन्तु ये जिहालिया का युग ‪#‎मुहम्मद‬ के अनुयाइयो द्वारा फैलाया झूठ है, इस्लाम से पहले वहां पर वैदिक‪#‎सनातन‬ संस्कृति थी, हमारे विभाग ने इस पर एक नहीं हजारो प्रमाण इकट्ठे कर लिए है । अरब के "वैदिक संस्कृति" को नष्ट करने के लिए मुहम्मद के कहने पर वहां के सभी पुस्तकालय, देवालय, विद्यालय जला दिए गए थे, पर कई सबूत आज भी यथावत है ।
* "काबा" साक्षात भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग :-
632 ईo के बाद यहाँ पर पैगम्बर मुहम्मद के रूप में इस्लाम की स्थापना हुई, इस्लाम की स्थापना के बाद अरब में व्यापक स्तर पर हिन्दुओ का नरसंहार हुआ । काबा में स्थित सभी मूर्तियों को मुहम्मद द्वारा तोड़ दिया गया, परन्तु इसके उपरान्त भी मुहम्मद ने काबा में "हजरे-असवद" नाम के एक काले पत्थर को वहां पर रहने दिया और आज हर‪#‎मुसलमान‬ हज के समय उसके दर्शन अवश्य करता है । असल में हजरे अस्वाद का हजरे "हजर" शब्द से बना है, जो की हर का अपभ्रंश है, हर का अर्थ संस्कृत में ‪#‎शिव‬ होता है और अस्वाद "अश्वेत" का ही अपभ्रंश है ।
* इस्लाम मे पुजा जाने वाला दूसरा ‪#‎ShivLing‬ :-
जिस जमजम के कुएं की ये बात करते है, एक शिवलिंग उसमे भी है । जिसकी पूजा खजूर के पत्तो से होती है । इस प्रकार मक्का में एक नहीं, दो शिवलिंग है । फोटो पोस्ट के साथ अटेचैड है ।
* हज के दौरान वैदिक पुजा पद्धति:-
मक्का में काबा में ‪#‎मुस्लिम‬ दाढ़ी साफ कर, बिना सिले २ कपडे लेते है । एक पहन कर और दूसरा कंधे पर डाल कर काबा की घडी की उलटी दिशा में 7 परिक्रमा करते है, जो की पूर्णतः ‪#‎हिन्दू‬ धर्म से लिया गया संस्कार है । अब चूँकि मुहम्मद ने भविष्यपुराण के अनुसार पैशाचिक धर्म की स्थापना की थी, इसलिए नकारात्मक ऊर्जा को मुसलमानों में निरंतर भरे रखने के लिए वहां पर उलटी परिक्रमा का रिवाज रखा गया । फोटो पोस्ट के साथ अटेचैड है ।
* भगवान भोले #शंकर के अर्धचंद्र :-
ठीक इसी प्रकार इस्लाम का अर्धचन्द्र सनातन संस्कृति से लिया गया है, भगवान् शंकर की पूजा करने वाले अरब वासियों ने भगवान् शिव के मस्तक पर स्थित अर्धचन्द्र को इस्लाम में स्थान दिया, चुकी देखने वाले बात ये है की इस्लामिक शहादा के झंडे में और मुहम्मद के मक्का फतह के समय वाले झंडे में ऐसा कुछ नहीं है, ये केवल अन्य गैर अरबी देशो में है जो बाद में इस्लामिक देश बन गये ।
* इस्लाम का "एकीश्वर का सिद्धांत" भी सनातन धर्म से लिया गया है :-
‪#‎Sanatan‬ धर्म मे जहाँ पर देवी ‪#‎देवता‬ और अवतार बहुत है पर इश्वर एक ही है, ॐ शिव, क्यूंकि शिव ही अजन्मा है, ठीक उसी प्रकार इस्लाम मे उसे ‪#‎Allah‬ का नाम दिया गया और उस ज्योति स्वरूप परमात्मा के प्रतिरूप ‪#‎शिवलिंग‬ की ही पुजा की जाती है ।
* काबा का अष्टकोणीय वास्तु :-
जब मुहम्मद ने काबा और मक्का के पास स्थिति सभी सनातनी प्रमाणों को नष्ट कर दिया तब उसके बाद उसका पश्चाताप करने के लिए मुहम्मद ने विधिवत सनातन विधि से काबा में मंदिर की स्थापना की, इसका एक प्रमाण है काबा का अष्टकोणीय वास्तु, इसमें एक चतुर्भुज के ऊपर दूसरा चतुर्भुज टेढ़ा करके मंदिर स्थापना होती है और प्रत्येक सनातन मंदिर में यही विधान है । फोटो पोस्ट के साथ अटेचैड है ।
इन तथ्यों के अलावा कई और सबूत देखिये :-
1) अरब में मिला एक पुराना दीपक - http://bit.ly/1Le1fQV
2) अरब में मिली सरस्वती माता की प्रतिमा :- http://bit.ly/1DuxD2H
3) भविष्य-पुराण मे ‪#‎Muhammad‬ का बर्णन :- http://bit.ly/19BeEqF
http://en.wikipedia.org/wiki/Bhavishya_Purana
4) मुस्लिम रिसर्चर का विडियो लेक्चर :- http://bit.ly/17h8lqM
5) हिन्दू धर्म गुरु के बयान :- http://bit.ly/1JravFV
अत: इस्लाम के #अल्लाह कोई और नहीं अपने भोले भंडारी देवाधिदेव ‪#‎महादेव‬ ही हैं ।
सभी ‪#‎Hindu‬ और ‪#‎Muslim‬ ज़ोर से जयकारा लगाएँ ....
हर हर महादेव

1 टिप्पणी:

  1. अत्यंत ज्ञानवर्धक माहीती है!! हिंदुओं को जागृत होना आवश्यक है कि वह कट्टर हिंदु बने और किसी भी ईस्लामी اسلامي पीर - फकिरों पर विश्वास करना छोड दें ओर वेदों कि और लोटें ! ॐ

    जवाब देंहटाएं