आयोजकों पर चलेगा हत्या का मुकदमा
Aug 13, 02:03 am
जागरण न्यूज नेटवर्क, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी में शनिवार को भड़की हिंसा को मुंबई पुलिस पूर्व नियोजित मान रही है। असम और म्यांमार में मुस्लिमों पर जारी हमलों के खिलाफ आजाद मैदान में रैली आयोजित करने वाले संगठनों रजा अकादमी और मदीना तुल इल्म फाउंडेशन पर अब हत्या का मुकदमा चलेगा। पुलिस ने गिरफ्त में आए 23 उपद्रवियों समेत आयोजकों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है। हत्थे चढ़े असामाजिक तत्वों पर कई अन्य धाराओं में भी केस दर्ज किया गया है। क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त हिमांशु राय ने कहा है कि मुंबई पुलिस अधिनियम के तहत हिंसा और आगजनी से हुए नुकसान का हर्जाना भी रजा अकादमी से वसूला जाएगा।
रजा अकादमी समेत अन्य संगठनों ने शनिवार की हिंसा के लिए मुंबई के निवासियों और मीडिया से माफी मांगी है। अकादमी के अध्यक्ष मुहम्मद सईद नूरी ने कहा, जिन लोगों ने हिंसा फैलाई, वे मुस्लिम नहीं हो सकते। कोई भी मुसलमान रमजान के पवित्र महीने में ऐसी हिमाकत नहीं कर सकता।
शनिवार की हिंसा को लेकर मुंबई पुलिस
ने सख्त रवैया अख्तियार कर रखा है। हिमांशु राय ने कहा, हिंसा भड़काने
वालों और उसके कारणों का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच की 12 सदस्यीय विशेष टीम
गठित की गई है। आजाद मैदान में भड़काऊ भाषणबाजी को लेकर वीडियो फुटेज का अध्ययन
किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों के जरिए बाकी उपद्रवियों की शिनाख्त करने की
कोशिश हो रही है। पुलिस ने गिरफ्तार उपद्रवियों को महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में
पेश किया। अदालत ने सभी असामाजिक तत्वों को 19 अगस्त तक पुलिस रिमांड में भेज दिया।
रिमांड के लिए अदालत में दिए आवेदन में पुलिस ने हिंसा को पूर्व नियोजित कहा है।
हिमांशु राय के अनुसार, जिस तरीके से आजाद मैदान रैली में पहुंचने के लिए फेसबुक और एसएमएस
के जरिये संदेश भेजा गया, उससे साफ है कि हिंसा पूर्व नियोजित थी। सीसीटीवी फुटेज से साफ है
कि कई प्रदर्शनकारी डंडों और लोहे की रॉड से लैस थे। गाड़ी फूंकने के लिए पेट्रोल
कैन भी लेकर आए थे। उनका कहना था कि ऑनलाइन और एसएमएस संदेश भेजने वालों का पता
लगाने के लिए साइबर क्राइम सेल की मदद ली जाएगी। राय के मुताबिक, रजा अकादमी और
मदीना तुल इल्म फाउंडेशन ने रैली के लिए जब मंजूरी मांगी थी तो पुलिस को दिए आवेदन
में केवल डेढ़ हजार लोगों के आजाद मैदान पहुंचने की बात कही थी। लेकिन शनिवार को
वहां पर कहां से बीस हजार से अधिक लोग आ गए। यह सब पूर्व नियोजित प्रतीत होता है।
इस बीच हिंसा के दौरान लूटी गई पुलिस की दो एसएलआर राइफलों को ठाणे के मुंब्रा में
कूड़ेदान से बरामद कर लिया गया है। रविवार को वैसे पूरे महानगर में शांति रही, लेकिन पुलिस ने
संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम कर रखे हैं। ध्यान रहे कि रजा
अकादमी और सुन्नी जमायत उल उलेमा समेत 24 संगठनों द्वारा आयोजित रैली के दौरान
हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी। 45 पुलिसकर्मी सहित सौ से ज्यादा लोग
जख्मी हुए थे।
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